Jai Ambe Gauri

Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics | Anuradha

Jai Ambe Gauri aarti Anuradha Paudwal

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी.
ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे
रक्त पुष्प दल माला कंठन पर साजे.
ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित नासग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति.
ॐ जय अम्बे गौरी

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को
उज्जवल से दो नैना चन्द्र बदन नीको.
ॐ जय अम्बे गौरी

शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती.
ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत खड़्ग खप्पर धारी
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी.
ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड – मुंड संहारे सोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोऊ मारे सुर भयहीन करे.
ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी.
ॐ जय अम्बे गौरी

चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरु
बाजत ताल मृदंगा और बाजत डमरु.
ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ता.
ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मन वांछित फ़ल पावत सेवत नर-नारी.
ॐ जय अम्बे गौरी

कंचन थार विराजत अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रत्न ज्योति.
ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे.
ॐ जय अम्बे गौरी

Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics | Anuradha Paudwal