Ek Din Wo Bhole

Ek Din Wo Bhole Bhandari Lyrics | Ravi Raj

Ek Din Wo Bhole Bhandari – Shivratri Bhajan

इक दिन वो भोले भंडारी
बन कर के ब्रिज की नारी
गोकुल में आ गये है
पार्वती भी मना कर हारी
ना माने त्रिपुरारी गोकुल में आ गये

पार्वती से बोले मैं भी चलुगा तेरे संग में
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूगा तेरे संग में
रास रचेगा ब्रिज में भारी हमें दिखो प्यारी
गोकुल में आ गये

ओ मेरे भोले स्वामी कैसे ले जाओ तोहे साथ में
मोहन के सिवा वहा कोई पुरस ना जाये रास में
हँसी करेंगी ब्रिज की नारी मान लो बात हमारी
गोकुल में आ गये

ऐसा बनादो मुझे को कोई न जाने इस राज को
मैं हु सहेली तेरी इसा बताना ब्रिज राज को
बना के जुड़ा पेहन के साड़ी चाल चले मत वाली

हंस के सखी ने कहा बलिहारी जायूँ इस रूप पे
इक दिन  तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप में
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी  
गोकुल में आ गये

देखा मोहन ने जब समझ गए वो सारी बात रे
ऐसी बजायी मुरली सुध बुध भूले भोले नाथ रे
सिरक गयी जब सर से चुनरी मुस्काये गिरधारी
गोकुल में आ गये

दीनदयालु तेरा तब से गोपेश्वए हुआ नाम रे
ओ भोले बाबा तेरा बृन्दावन में बना धाम रे
ताराचंद कहे त्रिपुरारी रखियो लाज हमारी
गोकुल में आ गये

Ek Din Wo Bhole Bhandari – Shiv Bhajan Lyrics