mujhe peene ka shauk

Mujhe Peene Ka Shauk Nahin | Coolie (1983)

Mujhe Peene Ka Shauk Nahi – Alka Yagnik, Shabbir Kuma

मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को
तेरी यादें मिटने को
तेरी यादें मिटने को
पीता हूँ ग़म भुलाने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को
तेरी यादें मिटने को
तेरी यादें मिटने को
पीता हूँ ग़म भुलाने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को

लाखों हजारों में
एक तू ना नज़र आयी
लाखों हजारों में
एक तू ना नज़र आयी
तेरा कोई खत आया
ना कोई खबर आयी
क्या तूने भुला डाला
क्या तूने भुला डाला
अपने इस दीवाने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को

खोयी वह किताबें दिल
जिस दिल का है यह किस्सा
खोयी वह किताबें दिल
जिस दिल का है यह किस्सा
एक हिस्सा है पास मेरे
तेरे पास है एक हिस्सा
मई पूरा करूँ कैसे
इस दिल के फ़साने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को

मिल जाते अगर अब्ब हम
आग लग जाती पानी में
मिल जाते अगर अब्ब हम
आग लग जाती पानी में
बचपन से वही
दोस्ती हो जाती जवानी में
चाहत में बदल देते
चाहत में बदल देते
हम इस दोस्ताने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को
मुझे पीने का शौक नहीं
पीता हूँ ग़म भुलाने को.

Mujhe Peene Ka Shauk Lyrics | Alka Yagnik – Shabbir Kumar