Na Aadmi Ka Koi

Na Aadmi Ka Koi Lyrics | Sonu Nigam

Na Aadmi Ka Koi Bharosa Singer: Sonu Nigam

तेरी मोहब्बत पे शक नहीं है
तेरी वफाओं को मनता हु
मगर तुझे किसकी आरजू है
मैं यह हकीकत भी जानता हूँ

ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला हैं बेवफाई
अजब जमना हैं यह जमाना
ना आदमी का कोई भरोसा

ना हुस्न में अब वह दिलकशी है
ना इश्क में अब वह जिंदगी है
जिधर निगाहें उठके देखो
सितम हैं धोखा हैं बेरुखी है
बदल गए जिन्दगी के नगमे
बिखर गया प्यार का तराना
बदल गए जिन्दगी के नगमे
बिखर गया प्यार का तराना
ना आदमी का कोई भरोसा

दवा के बदले में जहर दे दो
उतार दो मेरे दिल में खंजर
लहू से सींचा था जिस चमन को
उगे हैं शोले उसी के अंदर
मेरे ही घर के चिराग ने खुद
जला दिया मेरा आशियाना
मेरे ही घर के चिराग ने खुद
जला दिया मेरा आशियाना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला हैं बेवफाई
अजब जमाना हैं यह जमाना

Na Aadmi Ka Koi bharosa | Aadmi (1968)