![Ghanshyam Teri Bansi](https://bhajan-song.rockyraja.com/wp-content/uploads/2024/04/Ghanshyam-Teri-Bansi-e1714361889351.jpg)
Ghanshyam Teri Bansi Lyrics | Prem Mehra
Ghanshyam Teri Bansi Pagal
Shri Krishna Bhajan himdi Lyrics
Singer: Prem Mehra
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पाग़ल कर जाती हैं,
मुस्कान तेरी मोहन,
मुस्कान तेरी मोहन, घायल कर जाती है,
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,
सोने की होती तो, क्या करते तुम मोहन,
सोने की होती तो, क्या करतें तुम मोहन,
ये बाँस की होकर भी
ये बांस की होकर भी, दुनियाँ को नचाती है,
[घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है](2)
तुम गौरे होते तो, क्या कर जाते मोहन,
जब काले रँग पर ही,
जब काले रंग पर ही, दुनियाँ मर जाती है,
[घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है](2)
दुख दरदों को सहना, बंसी ने सिखाया है,
दुख दरदों को सहना, बंसी ने सिखाया है,
इसके छेद है सीने में,
इसके छेद है सीने में, फिर भी मुस्काती है,
[घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है](2)
कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माख्नन खाने की (2)
मन में आ जाती है (2)
[घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है](3)
मुस्कान तेरी मोहन, घायल कर जाती है
Ghanshyam Teri Bansi Pagal Pagal