Mukut Sir Mor Ka Lyrics | Prem Mehra
Mukut Sir Mor Ka Lyrics
Singer & Lyrics: Prem Mehra
मुकुट सिर मोर का,
मेरे चित चोर का |
दो नैना नैना नैना,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||
आजा के भरलु तुझे,
अपनी बाहो में |
आजा छिपा लु तुझे,
अपनी निगाहो में ||
दीवानों ने विचार के,
कहा ये पुकार के |
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||
रास बिहारी नहीं,
तुलना तुम्हारी |
तुमसा ना देखा कोई,
पहले अगाडी ||
के नुनराए वार के,
के नजरे उतार के |
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||
प्रेम लजाये तेरी,
बाँकी अदाओं पर |
फुले घटाए तेरी,
तिरछी निगाहो पर ||
की सौ चाँद वार के,
दीवाने गए हार के,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।
मुकुट सिर मोर का,
मेरे चित चोर का |
दो नैना नैना नैना,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||
Mukut Sir Mor Ka Bhajan In Hindi.