Radha Aisi Bhai Shyam

Radha Aisi Bhai Shyam Lyrics | Anup Jalota

Radha Aisi Bhai Shyam Ki Diwani

राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी
के बृज की कहानी हो गयी
एक भोली भाली गाँव की ग्वालीन
तो पंडितों की बानी हो गई

राधा न होती तो वृन्दावन भी न होता
कान्हा तो होते बंसी भी होती,
बंसी मैं प्राण न होते
प्रेम की भाषा जानता न कोई
कनैया को योगी मानता न कोई
बिना परिणय के वो प्रेम की पुजारीन
कान्हा की पटरानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की

राधा की पायल न बजती तो
मोहन ऐसा न रास रचाते
नीन्दीयाँ चुराकर मधुवन बुलाकर
अंगुली पे कीसको नचाते
क्या ऐसी कुश्बू चन्दन मैं होती
क्या ऐसी मीश्री माखन मैं होती

थोडा सा माखन खिलाकर वोह ग्वालिन
अन्नपुर्ना सी दानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की

राधा न होती तो कुंज गली भी
ऐसी निराली न होती
राधा के नैना न रोते तो
जमुना ऐसी काली न होती
सावन तो होता जुले न होते
राधा के संग नटवर जुले ना होते
सारा जीवन लूटन के वोह भीखारन
धनिकों की राजधानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की

Radha Aisi Bhai Shyam Ki Diwani Shri Radhe !