Sanwariya Man Bhaya

Sanwariya Man Bhaya Lyrics | Jagjit Singh

Sanwariya Man Bhaya Re Lyrics

साँवरिया मन भाया रे

सोहनी सूरत मोहनी मूरत,
हिरदये बीच समाया रे,
साँवरिया मन भाया रे |

देश में ढूंढा विदेश में ढूंढा,
अंत को अंत न पाया रे,
साँवरिया मन भाया रे |

काहू में एहमद काहू में ईसा,
काहू में राम कहाया रे,
साँवरिया मन भाया रे |

सोच कहे इक रंग पिया,
जिन ढूंढा तीन पाया रे,
साँवरिया मन भाया रे |

Sanwariya Man Bhaya Re Lyrics in Hindi